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Natural disasters

जैसा कि आप सभी जानते है कि इस समय जब अमेज़न के जंगलों में आग लगी हुई है , कोरोना वायरस जैसी बीमारी फैल रही है ,  कोरोना ने कहर मचा रखा है , तेल के लिए युद्ध हो रहे है , बहुत से लोग aids, cancer , brain tumber आदि से पीड़ित हो रहे है , बहुत सी प्राकर्तिक आपदाएं आ रही है ।
लेकिन क्या इन आपदाओं से बचा जा सकता है क्या ये आपदाएं कभी खत्म ही नही होंगी , क्या कोरोना की कोई वेक्सीन ही तैयार नही होगी , क्या सभ कोरोना की चपेट में आकर रहेंगे
आपके दिमाग मे यह सवाल कई दिनों से घूम रहे होंगे
आज हम आपको बताएंगे कि इन प्राकर्तिक आपदाओं से science बचाएगी या भगवान बचायेगे
इस के बारे में एक वीडियो है यूट्यूब पर आप उसे देखे science vs god के नाम से मैं आपको उसकी लिंक भी दे रहा हूँ आप यहां से भी देख सकते है https://youtu.be/Ugui9aE7DxU



प्रकृति में बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी अचानक आपदा आती ही रहती हैं और इनके कारण जन और सम्पत्ति का बहुत नुकसान होता  है। अतः यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने और जहाँ  सम्भव हो इन आपदाओं को कम से कम करने के उपाय और साधन खोजे जाएँ। कुछ
हमारी कमी के द्वारा होने वाली आपदा भी विनाशकारी ओर प्राकृतिक  की तरह उन्हीं के समान  नुकसान  होता है प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मानव निर्मित आपदाओं के भी कारण, प्रभाव, रोकथाम और प्रबन्धन के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।

पौधा रोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ओर कटाई पर नजर रखी जाए। जलग्रहण वाले जगह पर पेड़ो की
कटाई एकदम नहीं होना चाहिये। पेड़ कटने से पानी बहुत अधिक तीव्रता से बहता है और पानी के साथ मिट्टी बहने से मृदा-अपरदन बहुत होता है। इससे नदियों में गाद जमने का मुख्य कारण है और नदियों में गाद जमने से बाढ़ों की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। ऐसे निर्माण कार्य की जिसके कारण जल निकास बाधित हो, कभी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अचानक आये पानी के निकास की नालियों के ऊपर अतिक्रमण नहीं होना चाहिये। इन सबसे बाढ़ का खतरा घट जाता हैं
प्राकृतिक पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए हमें अध्यात्म की ओर बढ़ना चाहिए क्योंकि हम जब परमात्मा की भक्ति करेगें तो परमात्मा हमारी हर आपदा से रक्षा करते हैं। इसके लिए हमें एक सत गुरू की आवश्यकता होती हैं जो शास्त्र विधि के अनुसार भक्ति बताता हो यानी शास्त्र अनुकूल साधना करवाता हो। शास्त्र अनुकूल साधना से ही हमारी रक्षा होती हैं 

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